Sunday, 6 October 2024

महाभारतम्/ सभापर्व(जरासंध वध पर्व)/अध्याय: २४/ श्लोक: ४१

 महाभारतम्/ सभापर्व(जरासंध वध पर्व)/अध्याय: २४/ श्लोक: ४१

सहदेव ने कहा- प्रभो! ये गाय, भैंस, भेड़-बकरे आदि पशु, बहुत से रत्न, हथी-घोड़े और नाना प्रकार के वस्त्र आपकी सेवा में प्रस्तुत हैं। गोविन्द! ये सब वस्तुएँ धर्मराज युधिष्ठिर को दीजिये अथवा आपकी जैसी रुचि हो, उसके अनुसार मुझे सेवा के लिये आदेश दीजिये।।
इसके अतिरिक्त कृष्ण यजुर्वेद तैत्तिरीय संहिता ७/१/४/९ में क्षत्रिय को भेड़ पालने के लिए कहा गया है
कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत एक संघ है
जिसमें अनेक जन-जातियों का समायोजन है-

No comments:

Post a Comment

1857 की जनक्रांति

  1857 की जनक्रांति के जनक कोतवाल धनसिंह गुर्जर पर इतिहास लेखन: (डॉ सुशील भाटी) 10 मई 1857 को मेरठ से, ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरोध में, शु...