विशेष प्रजाति पर मुग़लों से लेकर अंग्रेजों तक असीम कृपा !!!
भारतीय इतिहास के बड़े बड़े राजवंश , साम्राज्य मिट गये। उनका कोई वंशज नामलेवा नहीं बचा। जैसे कि नंद वंश,मौर्य वंश व साम्राज्य वंश,गुप्त वंश व साम्राज्य, शुंग राजवंश, मैत्रक वंश, राष्ट्रकूट वंश व उसका साम्राज्य ,पाल वंश व उसका साम्राज्य, गुर्जर प्रतिहार वंश का साम्राज्य ,अहोम राजवंश, चोल वंश व उसका साम्राज्य,दास वंश (1206- 1290) , ख़िलजी वंश (1290-1320), ,तुग़लक़ वंश (1320-1414 ) , सैयद वंश (1414-1451) लोधी वंश (1451- 1520) ,शेर शाह सूरी वंश (1537-56) , हेम चन्द्र विक्रमादित्य ( 1556) एवं मुग़ल वंश, ब्रिटिश का साम्राज्य इनमें से किसी भी राजवंश का अब कोई रजवाड़ा,राज्य,कोई सिंगल क़ानूनी वारिस नहीं बचा।
फिर एक विशेष प्रजाति के जन्तुओ के रजवाड़े सुरक्षित कैसे बचे रह गये। जो दास वंश से लेकर ब्रिटिश शासन तक कभी समाप्त नहीं हुए। और ना अब तक हुए हैं। आज भी सुरक्षित है। इन्होंने ऐसी कौन सी मुगली घुट्टी पीकर जन्म लिया। जबकि अन्य सभी बड़े साम्राज्य सम्राट , बादशाह का कोई नाम लेवा नहीं बचा।
ये विशेष प्रजाति आक्रांता मोहम्मद गौरी के साथ रह कर सम्राट पृथ्वीराज चौहान से लड़ रही थी। अपनी विशेष रिश्तेदारी के कारण मुग़लों के साथ रह कर महाराणा प्रताप से लड़ रही थी। अंग्रेजों को पनाह देकर 1857 के विद्रोहियों से लड़ रही थी।
मुग़लों और अंग्रेजों ने अपने विरोधियों को चुन चुन कर मारा। उनका राजपाट छीन लिया तथा उन सबको सजा दी या जान से मार दिया। मुग़लों ने सैकड़ों राजाओं सहित महाराणा प्रताप,छत्रपति शिवाजी,हेमचन्द्र विक्रमादित्य, लाखा बंजारा, सिक्ख गुरुओं को बेरहम तरीक़े से अमानवीय सज़ाएँ दी और उनकी शहादत भी हुई। अंग्रेजों ने टीपूँ सुल्तान वंशजों,बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र को उम्र क़ैद व उसके शहज़ादों को मौत की सजा तथा गुर्जर धन सिंह कोतवाल, रिवाडी राजा राव तुलाराम,रानी झाँसी,बाबू कुंवर सिंह,नाना साहेब, तांत्या टोपे , राजा नाहर सिंह, बाबा शाहमल जाट , नवाब फरुखनगर , नवाब झज्झर, बेगम हजरत महल , राजा रामदयाल, राजा विजय सिंह गुर्जर, राजा दादरी राव उमराव गुर्जर व राव रोशन सिंह , देवहंस कसाना , राजा कदम सिंह गुर्जर,राजा देवीसिंह, रानी अवन्ति बाई लोधी , राजा गणेश महतो ,राजा हिरदेशाह ,आदि के राज भी छीन लिए और इन सबको मौत की सजा भी दी। परंतु इस विशेष प्रजाति ने कौन सा कवच कुंडल पहना हुआ था जो इनका मुग़लों से भी कोई युद्ध नहीं हुआ, अंग्रेजों से कोई युद्ध नहीं हुआ। इनके राज रजवाड़े भी सुरक्षित बचे रह गये। अंग्रेजों ने इनमें किसी को भी मौत की सजा नहीं दी।
ऐसा क्यों , आपने कभी विचार किया है ?
@एडवोकेटदिवाकरबिधूडीगुर्जर।
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