राजा भोज वंशावली से संबंधित कल की पोस्ट पर कुछ भाइयों ने टिप्पणी की। उनके लिए कुछ पुस्तकों के विवरण प्रस्तुत है। तथा गाँव के स्थापना दिवस पर भाट की विडियो भी है जो पिछले वर्ष बनाई गई थी। आप देखें।
राजस्व विभाग दिल्ली सरकार से दिनांक 13/10/2010 की प्रमाणित वंशावली जो वर्ष 1888 में सरकार द्वारा तैयार कराई थी। उसे भी आपके समक्ष रख रहा हूँ।
मध्य भारत गज़ेटियर 1908 पेज नंबर 19 पर लिखा है कि गुर्जरों की दो शाखाएँ परिहार और परमार कहलाई गई।
सहारनपुर गज़ेटियर vol. 2 , पेज नंबर 101 मे लिखा है कि The Gurjaras are identical with the Gujars of old days. The ancestors of the Parihar Rajput.
Comprehensive History of India-part 1. , पेज नंबर 141. At that time the Gurjars were a powerful people known as Gurjaras and many Rajput Dynesty like the famous Partihara of Gurjar origin. पेज नंबर 141 . Mihir Bhoj (840-890) was a Gurjar King.
सार्थवाह मे डाक्टर मोतीचन्द्र लिखते हैं कि पेज नंबर 12 दक्षिण में वल्लभ राज राष्ट्रकूट तो अरबों के मित्र थे,पर उत्तर के गुर्जर प्रतिहार ने 9 वीं- 10 वीं शताब्दी में स्थिति को सँभाला, उनके प्रताप से विदेशी थर्राते थे। पेज नंबर 24 नर्मदा उस जगह है, जहां पर विंध्य पर्वत का गूजरी घाट है। पेज नंबर 190. गुर्जर प्रतिहार इस्लाम के कट्टर शत्रु माने जाने लगे। गुर्जर भोज परमार प्रथम ने क़रीब 755 नवें शायद इन्हीं मलेच्छो को हराया। ( नोट : यह पुस्तक बिहार राज्य के पाठ्यक्रम में लगी हुई है।
The Linguistic Survey of India vil. 9 में लेखक Sir G A Grierson पेज नंबर 10-11 पर लिखते हैं कि परमार प्रतिहार एवं चौहान गुर्जर जाति की शाखा है।
The Gurjara pratiharas and their Times. लेखक V B Mishra लिखते हैं कि जो व्यक्ति गुर्जर शब्द को स्थान वाचक कहते हैं , उन्होंने इतिहास को सही ढंग से नहीं पढ़ा। गुर्जरों का संबंध कान्यकुब्ज (कन्नौज) से है।
Early History of India 4th Edition. लेखक V A Smith. लिखते हैं कि गुर्जर का संस्कृत में अर्थ शत्रु विनाशक है गुर्जर एक जाति है। निःसन्देह आधुनिक गूजर ही पुरातन गुर्जर है।बहुत से राजपूत गोत्र गुर्जर या गूजर के वंशज है। गुर्जर,जाट ,अहीर और राजपूत का घनिष्ठ रक्त संबंध है।
The Age of Imperial Kannauj लेखक R C Majumdar लिखते हैं कि गुर्जर प्रतिहार एक जाति है ये रघुकुल में लक्ष्मण के वंशज है , इन्हें गुर्जर कहा गया। अरब के आक्रमण कारियों ने इन्हें जुर्ज या गुजरा कहा।
A Short History of India लेखक W H Moreland लिखते हैं कि गुर्जर या गूजर का अर्थ जाति से है। मिहिर भोज गुर्जर की सत्ता उत्तर में बहुत शक्तिशाली बन कर उभरी।
Cambridge History of India लेखक Allan J लिखते हैं कि गुर्जरों के राजा भोज का बहुत गौरवशाली शासन रहा।
Farrukhabad गज़ेटियर Vol 9. पेज नंबर 121 Nagbhatta 2 and Mihir Bhoj (849-890) Pratihar King at Kannauj whose ,Gurjar’s origin has now been proved beyond the possibility of doubt
पंवार वंश दर्पण: लेखक दयालदास ( दशरथ शर्मा) पेज नंबर 93 गुर्जर वीरों की स्त्रियों के आँसू की मानो बाढ़ आ गई है। इसी में लिखा है कि वाटसन , फाबर्स, कैम्बेल D R भंडारकर ने परमारो को गूजरों की शाखा माना है।
हम्मीरायण : दशरथ शर्मा लिखते हैं “भाँजिए मलय चोलवइ विपलिअ गडिऊ गुज्जरा “। अर्थ : मलय का राजा भाग गया चोलपुरम युद्ध स्थल से लौट गया , गुर्जरों का मान मर्दन हो गया।
Al Hind : लेखक Andre Wink ने गुर्जरों को मूल भारतीय माना है। गुज्जर,गुर्जर को जाति माना है। अग्निकुल के प्रतिहार परमार व चौहान गुर्जर है। तथा गुर्जरों के रहने के कारण ही गुजरात नाम पड़ा यह कहा है।
गुजरात गज़ेटियर तथा बोम्बे गज़ेटियर vol 1 part 1. एवं बोम्बे गज़ेटियर, vol 9 part 1 पेज नंबर 469-502 तक गुर्जर जाति का वर्णन है। इनमें लिखा है कि परमार व प्रतिहार गुर्जर है।
एवं ऐसे बहुत सारी पुस्तकें हैं जिनमें इसी प्रकार के विवरण है।
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