इतिहासकार डॉ॰ डीआर भंडारकर के मुताबिक, परमार, प्रतिहार, चौहान, और चालुक्य जैसे चारों राजपूत वंश गुर्जर कुल से ही बने हैं. पृथ्वीराज रासो में इन चारों राजपूत वंशों की उत्पत्ति की कहानी मिलती है.
इस कहानी के मुताबिक, माउंट आबू में एक बलि अग्निकुंड से इन चारों राजपूत वंशों की उत्पत्ति हुई थी. यह कहानी चंदबरदाई के पृथ्वीराज रासो में मिलती है. हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि यह कहानी काल्पनिक है. उनका कहना है कि यह क्षत्रियों के लिए उच्च मूल खोजने का ब्राह्मणवादी प्रयास है.
नीलगुंड, देवली, राधनपुर, और कराड के अभिलेखों में प्रतिहारों को गुर्जर के नाम से संदर्भित किया गया है. प्रतिहारों को गुर्जर-प्रतिहार के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने कन्नौज पर लंबे समय तक शासन किया था
No comments:
Post a Comment