गुर्जर साम्राज्य - Gurjar Empires and Dynasties
गुर्जर साम्राज्य / Gurjar Empires
प्राचीन काल मे जब भारत देश का शासक एक राजा होता था शासन प्रणाली का नाम राजतॅत्र था तो वीर गुर्जरो ने एक छत्र और न्याय प्रिय शासन किया ।
जिसमे ये ये गुर्जर साम्राज्य प्रमुख है और गुर्जर इतिहास को समझने के प्रमुख बिंदु भी :
गुर्जर साम्राज्य / Gurjar Empires |
1. कुषाण साम्राज्य (0- 375 ई०) | प्रतापी सम्राट - कनिष्क
2. हूण साम्राज्य (490-542 ई०) | प्रतापी सम्राट - मिहिरकुल
3. प्रतिहार साम्राज्य (650-1036)| प्रतापी सम्राट - मिहिरभोज
• कुषाण साम्राज्य :
" गुर्जर सम्राट कनिष्क " इस काल के सबसे महान सम्राट थे, जिसकी सिमाए उजबेकिस्तान के काला सागर से लेकर भारत मे बंगाल की खाडी तक फैली हुई थी ।
• हूण साम्राज्य :
हूण वंश के सबसे प्रतापी सम्राट " गुर्जर मिहीरकुल हूण थे, भारतवर्ष मे बौध्द और जैन घर्म के अवसान तथा हिंदु घर्म के पुर्नउत्थान मे मुख्य भूमिका के कारण कल्की अवतार के रूप मे देखा जाता है ।
• गुर्जर प्रतिहार साम्राजय :
नागभट ने 650 ई. मे इस साम्राज्य की नींव रखी थी।
मिहिर भोज इस साम्राजय के सबसे महानत्तम सम्राट हुए । हिंदु घर्म और संस्क्रति की रक्षा करने के कारण इन्हे भगवान विष्णु के अादिवराह अवतार के रूप मे देखा जाता है
समस्त गुर्जर राजाओं ने मिलकर अरबों से भारतीय संस्कृति की रक्षा की थी जिसके कारण उन्हें प्रतिहार (रक्षक) की उपाधी प्रदान की थी। तत्पश्चात समस्त गुर्जर राजा संगठित हो गये और एक राजा को संपूर्ण गुर्जरत्रा (गुर्जरों द्वारा रक्षित क्षेत्र) की कमान दी गयी जिसे गुर्जर सम्राट अथवा गुर्जर-प्रतिहार सम्राट कहा जाता था। गुजरात को गुर्जरदेश और गुर्जरत्रा कहा जाता था| गुजरत्रा मे गुजरात और राजस्थान क्षेत्र आा था। ब्रिटिश काल के प्रारंभ मे राजस्थान के कुछ हिस्सो को राजपुताना कहा गया।
गुर्जरात्रा = गुर्जर + त्रा (देश) से गुजरात पडा
Gurjaratra / Gurjardesh - गुर्जरात्रा / गुर्जरदेश |
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